उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में इन दिनों पार्षद नगर निगम के अंदर लगातार अपना विरोध जता रहे हैं। विरोध जताने वाले पार्षदों में सबसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के हैं। अब बीजेपी संगठन अलर्ट हो गया है और उत्पात मचाने वाले पार्षदों की लिस्ट बना ली है। साथ ही महानगर अध्यक्ष ने नगर निगम के सभापति, पूर्व उपसभापति व उत्पात मचाने वाले पार्षदों की बैठक बुलाई और उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाया। सीधे तौर पर चेतावनी दी गई कि यदि अब विरोधी स्वर उठे तो कार्यवाही की जाएगी।
नगर निगम का नहीं सुधरा माहौल
नगर निगम में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही माहौल पटरी पर नहीं आ पाया है। विरोध की शुरूआत पहली कार्यकारिणी की बैठक से हो गई थी। तब उप-सभापति के पति व विधायक प्रतिनिधि गोकुल दुबे ने बीच बैठक में हंगामा कर दिया था। वह बैठक से कुछ पार्षदों को उठाकर ले गए, जिसके बाद महापौर ने खूब मान-मनौव्वल की, तब जाकर कार्यकारिणी की बैठक हो सकी। इसके बाद भी माहौल शान्त नहीं हुआ। 17 सितम्बर को भाजपा खेमे के कुछ पार्षद धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन किया। इसके ठीक एक सप्ताह बाद 24 सितम्बर को एक बार फिर पार्षदों ने हंगामा कर दिया और नगर निगम गेट पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया। दोनों बार भाजपा गुट के पार्षदों ने महापौर को भी आड़े हाथ लिया। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता संजीव अग्रवाल लाला को पार्टी की ओर से भेजा गया था, जिन्होंने मामला शांत करा दिया, लेकिन अपनी ही पार्टी के महापौर के खिलाफ बार-बार उठ रहे विरोधी स्वर को लेकर अब संगठन भी ऐक्शन मोड में आ गया है।
बैकफुट पर धकेल रहे पार्टी
ऐसे पार्षदों की सूची बना ली गई है, जो बार-बार विरोध प्रदर्शन कर पार्टी को बैकफुट पर धकेल रहे हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन ने इन पार्षदों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने का फरमान सुनाया, जिसके बाद शुक्रवार को महानगर अध्यक्ष हेमन्त परिहार व वरिष्ठ नेता संजीव अग्रवाल लाला ने उप-सभापति व पार्षदों की बैठक बुलाई। भाजपा कार्यालय पर बुलाई गई बैठक में विरोधी आवाज उठाने वाले पार्षदों को दो टूक चेतावनी दी गई है। बैठक में उप-सभापति सुशीला दुबे, पूर्व सभापति भरत सेन, सुनील नैनवानी के अलावा पार्षद हरिओम मिश्रा, मुकेश सोनी उर्फ बण्टी, प्रदीप खटीक, प्रियंका साहू, नीता विकास यादव, अंकित राय शामिल रहे। यह सभी पार्षद पिछले दिनों हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे हैं।