झांसी,उत्तरप्रदेश
दरअसल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की छात्रा संजना कुशवाहा छात्रवृत्ति न मिलने से परेशान थी और लगातार अफसरो के चक्कर काट रही थी। बृहस्पतिवार की रात घर के बाहर लगे पेड़ पर छात्रवृत्ति न मिलने से परेशान छात्रा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैंने बहुत मेहनत की लेकिन अफसर झूठ बोलते रहे। मेरी छात्रवृत्ति 28000 रुपए आनी थी मगर नहीं आई। कॉलेज में सबकी आ चुकी है। विकास भवन जाने पर पता चला कि आधार कार्ड की फीडिंग नहीं है,जबकि बैंक जाने पर पता चला की फीडिंग पहले से ही हो चुकी है। मैंने बहुत मेहनत की थी हो सके तो माफ कर देना, इस कदम के लिए। इस मामले में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलसचिव विनय कुमार सिंह का कहना है की छात्रा का फॉर्म विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग से फॉरवर्ड कर दिया गया था और उसे सत्यापन के लिए भी नोडल अधिकारी के पास भेज दिया गया था जिसमें नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन भी हो गया था। समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर भी कोई आपत्ति नहीं थी। छात्रवृत्ति को लेकर छात्रा की ओर से भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई थी।