मऊरानीपुर,झांसी
मंगलवार की दोपहर मऊरानीपुर की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला अपनी के साथ बैंक में लोकर में रखे अपने सोने चांदी के जेवरात निकालने गई।लेकिन महिला के होश तब उड़ गए जब बैंक लॉकर में उसने असली जेवरात की जगह नकली देखे और वहा हंगामा खड़ा हो गया।जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर सात कपास मिल हरपालपुर जिला छतरपुर निवासी मोहनी कठील पत्नी बालकृष्ण कठिल ने कोतवाली प्रभारी को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि मऊरानीपुर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में मेरी सास राजाबाई लोकर नंबर 28 में लगभग पचास वर्ष से अपने सोने चांदी के जेवरात रखे हुए है तथा लौकर का किराया करती रही।मेरी सास राजाबाई का स्वर्गवास सन 1991 में हो गया।मेरे मकान में सन 2003 में आग लग गई थी तथा अनेक परेशानियों के चलते बैंक न आ सकी।बैंक द्वारा सन 2005 में नोटिस दिया था तब मैने 2006 तक किराया जमा करा दिया था।लेकिन तत्कालीन बैंक मैनेजर ने बिना सूचना दिए लोकर को सन 2018 में साजिशन तुड़वा दिया।जब मैं जुलाई में बैंक गई तो बताया गया राजा बाई के नाम कोई लोकर नही है।
जब मेरी नातिन ने बैंक के टोल फ्री पर शिकायत की पर शिकायत पर बैंक कर्मचारी द्वारा मुझे बुलाया गया और कहा कि एक छोटा पैकेट स्टेट बैंक मऊरानीपुर में रखा है।साथ ही सास का मृत्यु प्रमाण पत्र लाने को कहा जब बैंक कर्मचारी द्वारा बताई गई शर्ते पूरा करने गई तो वहा लोकर का किराया 14905 जमा कराया।उसके बाद नामित सदस्यों के सामने बैंक मैनेजर एवं बैंक कर्मचारियों द्वारा लोकर को खोला गया।जिसमें मेरे सोने के जेवरात,सोने का हार करीब चार तौला पचास ग्राम के स्थान पर नकली 19.500 ग्राम,कमर पेटी सोने की लगभग सोलह तौला 192 ग्राम के स्थान पर नकली 85 ग्राम की,सोने के चुरा दो कंगन,लगभग पांच तौला 60 ग्राम के स्थान पर नकली 25 ग्राम,150 मि ग्राम सोने का मंगलसूत्र,25 ग्राम के स्थान पर 24.300 ग्राम नकली,बाजू बंध सोने का लगभग दो तौला के स्थान पर नकली 24.500 ग्राम अंगूठी एक लगभग सात या आठ ग्राम जिस पर मीना में राजाबाई नाम लिखा था वह नकली 2.400 ग्राम,ब्रासलेट सोने का लगभग तीन तौला के स्थान पर नकली 7.450 ग्राम एवं बाली सोने की नकली रख दी तथा कुछ सामान विश्वास बताने को जैसे हाय चंद्रमा, कील,पंगरिया,सोने की मूर्ति बनी है वह असली रख दी है।नकली जेवरात की शुद्धता दोनो सुनारों ने जांची व नकली बताए बैंक कर्मचारी ने अपने द्वारा लिस्ट लिख कर दी।जब मैने व मेरे देवर व उसके पुत्र ने असली सामान गायब कर नकली रखने एवं धोखाधड़ी की बात की और कहा कि नकली सामान इतना नया कैसे हो सकता है।तब मैनेजर बोले लेना हो तो ले जाओ नही तो नाली में फेक दो।मैने कहा कि जब बगैर नोटिस बगैर मेरी उपस्थिति के लोकर तोड़ा तब कौन कौन था तब मैनेजर ने कहा कि उसका पेपर रखा है।तीन चार दिन में आना बता देंगे।तीन दिन के अवकाश के बाद जब मैं बैंक आई तो दोपहर एक बजे अपने देवर व पुत्र के साथ गई तो बताया गया कि मैनेजर साहब छुट्टी चले गए।मेरा लगभग 366 ग्राम जिसकी कीमत लगभग बीस से पच्चीस लाख रुपए का जेवर सोने की जगह पीतल का एवं कर्मचारियों की मिली भगत से हड़प कर लिया। पीड़ित नेे प्रार्थना पत्र में जांच कर कार्यवाही की मांग की।